कोरोना जैसी वैश्विक आपदा से निपटने के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिए किया जाए विशेष बजट आवंटित - सीमा त्यागी

 गाज़ियाबाद। जीपीए ने सोशल मीडिया के शसक्त माध्यम ट्विटर के जरिये देश की वित्तमंत्री सीतारमण जी द्वारा फरवरी में जारी किये जा रहे बजट में देश के शिक्षा बजट में दोगुनी बढ़ोतरी करने की मांग की है, साथ ही गाज़ियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन  ने वित्तमंत्री जी से अनुरोध किया है की देश मे कोरोना वैश्विक महामारी जैसी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए शिक्षा क्षेत्र के लिये एक विशेष बजट आवंटित किया जाये जो भविष्य में कोरोना महामारी जैसी परिस्थितियों में देश के सबसे बड़े वर्ग अभिभावकों एवम छात्र /छात्राओं  के लिए राहत का काम कर सके।गाज़ियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी की अनदेखी कर वर्ष 2020/21 के शिक्षा बजट की तुलना में वर्ष 2021-22 के शिक्षा क्षेत्र के बजट में वित्त मंत्री सीतारमण जी ने 6000 करोड़ रुपये की कटौती की थी जिसमें स्कूली शिक्षा के बजट में सार्वधिक करीब 5 हजार करोड़ रुपये उच्च शिक्षा विभाग के बजट में एक हजार करोड़ रुपये और समग्र शिक्षा अभियान के आवंटन में सात हजार करोड़ रुपये की कटौती शामिल थी जो अत्यंत निराशाजनक था ।इस बार कोरोना वैश्विक महामारी की दोगुनी मार देश के समस्त अभिभावको एवम छात्र / छात्राओं पर पड़ी जिसका परिणाम यह रहा की संसाधनों ( लैपटॉप / टैब / मोबाइल / नेट) के आभाव में अकेले उत्तर प्रदेश में ही लगभग 56% बच्चे शिक्षा लेने से वंचित रह गए इसी से आप भारत के बाकी राज्यों में शिक्षा से वंचित रहे छात्र /छात्राओं  की संख्या की कल्पना भी नही कर सकते है।समस्त भारत के अभिभावक आपसे उम्मीद लगाए बैठे है की इस बार देश की वित्त मंत्री पिछले शिक्षा क्षेत्र के बजट में कटौती की भरपाई करते हुए शिक्षा बजट को लगभग दोगुना करेंगी क्योंकि शिक्षा ही देश के सम्पूर्ण विकास का अहम घटक है ।अगर देश को सरकार विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर करना चाहती है तो शिक्षा क्षेत्र के बजट को हर हाल में बढ़ाना होगा ।