जीपीए की शिकायत पर आयोग हुआ सख्त

 गाजियाबाद।  जिले के स्कूल निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनयम 2009 (आर. टी.ई ) व उत्तर प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग  द्वारा जारी की गई चनयित बच्चों की सूची के  शासन्देश की खुलेआम धज्जियां रहे है।  जिले के निजी स्कूल आर .टी .ई के अंतर्गत चयनित बच्चों को एडमिशन देने से इनकार कर जिलाधिकारी , शिक्षा अधिकारियों सहित प्रदेश सरकार को खुली चेतावनी दे रहे है।  गाजियाबाद जिले के प्रताप विहार स्थित नामी स्कूल डी.ए. वी स्कूल द्वारा आर .टी. ई एक्ट के अंतर्गत एडमिशन नही देने पर एवम शिक्षा अधिकारियों द्वारा कार्यवाई नही करने से परेशान अभिभावक द्वारा इसकीं शिकायत जीपीए से की गई जिसका संज्ञान लेते हुये जीपीए ने राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षंण आयोग को पत्र लिखा।  जीपीए द्वारा की गई शिकायत के आधार पर  आयोग ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) सी एवं बाल अधिकार सरक्षंण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13 व 14 के अंतर्गत सज्ञान लेते हुये जिलाधिकारी को  प्रकरण पर उचित कार्यवाई करते हुए जांच आख्या आयोग को 20 दिन के अंदर देने के लिए कहा गया है।  जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि जिले के निजी स्कूल शिक्षा के अधिकार अधिनयम की खुलेआम धज्जियां उड़ा कर रहे है शासन्देश आदेश जारी होने के बाद भी  निजी स्कूल आर .टी. ई के अंतर्गत चयनित बच्चों को एडमिशन नही दे रहे है।  अभिभावक शिक्षा अधिकारियों और जिलाधिकारी के चक्कर लगा रहे है लेकिन अधिकारी अदृश्य दबाब के तहत निजी स्कूलों पर कार्यवाई करने से बच रहे है आयोग द्वारा भी लगातार सख्ती दिखाई जा रही है।  लेकिन प्रशासन पर इसका कोई असर होता दिखाई नही दे रहा है जो की अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है।  अब समय आ गया है कि आर .टी .ई  के तहत चयनित बच्चों को एडमिशन नही देने वाले स्कूलो की मान्यता रद्द की जाए क्योंकि आर टी ई के अंतर्गत चयनित बच्चों की सूची के शासन्देश को आये लगभग 6 महीने का लंबा समय बीत गया है और अनगनित बच्चों को एडमिशन नही दिया गया है।  ऐसे स्कूलो को चयनित कर शिक्षा विभाग को मान्यता रद्द कर कड़ा संदेश देना होगा अन्यथा जीपीए को अभिभावको को न्याय दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।  जीपीए जब तक चैन की सांस नही लगा जब तक एक एक चयनित बच्चे का एडमिशन आर .टी.ई के अंतर्गत सुनिश्चित नही होगा ।