14 घन्टे का हाउस अरेस्ट देख लोकतंत्र के चीरहरण के साक्षी बने प्रदेश के अभिभावक

गाजियाबाद। जीपीए लगातार उत्तर प्रदेश के अभिभावको की आवाज लगातार बुलंद कर रही है शिक्षा के व्यापार पर रोक और अभिभावको के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ बड़े बड़े आंदोलन कर प्रदेश सरकार की नाक में दम किया हुआ है। जिसका जीता जागता उदाहरण कल देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का गाजियाबाद में जनविश्वास रैली के माध्य्म से रोड शो होना था, तब गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अभिभावकों की आवाज मुख्यमंत्री जी तक ना पहुँचा पाये इसके लिये सुबह ही पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया और सुबह 6 बजे ही पुलिस अमला दल बल के साथ पहुँचकर गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन अध्य्क्ष को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। 

जैसे यह खबर अभिभावको और पद अधिकारियों तक पहुची सभी जीपीए अध्य्क्ष आवास पर पहुँचने शरू हो गये और वही अध्य्क्ष आवास के नीचे पोस्टर, बैनर के साथ बैठ गए जीपीए अध्य्क्ष और पदाधिकारियों का हाउस अरेस्ट 14 घन्टे तक चला मुख्यमंत्री जी की गाजियाबाद से उड़ान के बाद ही नजरबंदी खत्म हुई। ऐसा प्रतीत होता है जैसे शिक्षा के मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री बात ही नही करना चाहते है जीपीए अध्य्क्ष ने बताया कि जन विश्वास रैली का मतलब है जनता का प्यार , आशीर्वाद और विश्वास को जीतना है ना कि उत्तर प्रदेश के अभिभावको की आवाज को बंधक बनाना । मुख्यमंत्री जी के आगमन पर  प्रसाशन द्वारा सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक 14 घन्टे जीपीए अध्यक्ष सीमा त्यागी व अन्य अधिकारियों को उन्ही के घर मे नजरबंद करवा कर विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश मे प्रदेश के अभिभावको के लिये न्याय की आवाज उठाने पर प्रतिबंध लगाकर लोकतंत्र की हत्या की है शायद मुख्यमंत्री जी भूल गए कि जीपीए की आवाज को जितना दबाने लिये प्रदेश सरकार जितना प्रयत्न करेगी ये आवाज उतनी ही प्रखर और बुलंद रूप से उठेगी जीपीए अध्य्क्ष ने देश के बड़े सूबे के मुख्यमंत्री जी से सवाल करते हुये पूछा  कि क्या उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की लूट पर रोक लगाने की मांग गलत है? क्या शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर सरकार से निरन्तर आग्रह करने गलत है? प्रदेश में आबादी के घनत्व के हिसाब से सी बी एस ई से मान्यता प्राप्त सरकारी स्कूल खोलने की मांग गलत है? क्या प्रदेश में सरकारी स्कूलों को बेहतर करने की मांग गलत है? क्या प्रदेश के प्रत्येक जिले में कम से कम 5 सैनिक स्कूल खोलने की मांग मुख्यमंत्री जी तक पहुँचाना गलत है? क्या देश एवम प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को सस्ती और सुलभ शिक्षा की मांग उठाना गलत है? अगर यह गलत है तो ये गलती गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन बार बार करेगी औऱ प्रसाशन हाउस अरेस्ट करते करते थक जायेगा लेकिन जीपीए की टीम नही थकेंगी। उत्तर प्रदेश के अभिभावको ने कल जनता की आवाज को दबाने के लिए जीपीए अध्यक्ष को 14 घन्टे के लिये नजरबंद होने के पर लोकतंत्र का चीर हरण होता महसूस किया है जिसके लिये प्रदेश के अभिभावक कभी प्रदेश सरकार के इस अन्याय को नहीं भुलेंगे। देश के विभिन्न अभिभावक संघों सहित सामाजिक संगठनों , बुद्धिजीवियों , ने प्रदेश सरकार के इस कृत्य की घोर निंदा की है।