गाज़ियाबाद। दीवाली नजदीक आते ही बाजार जगमग करती इलेक्ट्रिक लड़ियों से गुलजार होने लगे हैं वहीं लुप्तप्राय मिट्टी के बने दिये बनाने के कार्य से जुड़े लोग भी आस लगाए बैठे हैं कि दीवाली पर लोग मिट्टी के दिये खरीदकर उनके हाथ के हुनर से अपने घर मकानों और प्रतिष्ठानों को जगमग करेंगे जिससे लुप्तप्राय हो चुके उनके धंधे को बढ़ावा मिल सकेगा। "यह दीवाली - दीपों वाली" नारे के संग सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था (भारत) के सदस्यों ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट अंतर्गत मिट्टी के दीये बांटकर लोगों से दीवाली पर मिट्टी के दीये से अपने घरों मकानों और प्रतिष्ठानों को जगमग करने का आह्वान किया।
दीप वितरण के दौरान संस्था की संरक्षक इंदु गोयल ने कहा कि लोग पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं दीपावली तो दीपों का त्यौहार है जिसकी जगह आज इलेक्ट्रिक लड़ियों ने ले ली है जिससे युवा पीढ़ी दीवाली की असली रौनक से अनभिज्ञ हो गई है इसलिए संस्था द्वारा हर वर्ष की भांति मिट्टी के दीये बांटकर लोगों को अपनी संस्कृति की रक्षा और उससे जुड़ने का आह्वान किया जा रहा है । संस्थापक डा राहुल वर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा दीवाली पर मिट्टी के दिये जलाने के आह्वान के साथ साथ लोगों को अपनी संस्कृति और पर्यावरण की सुरक्षा हेतु "संस्कृति रक्षा- पर्यावरण सुरक्षा" का संदेश देने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में 5000 मिट्टी के दिये बांटे जाएंगे जिससे इस कारोबार से जुड़े लोगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस अवसर पर मनोज झा, गीता भाटी, विजय तंवर और माधुरी आदि सदस्यों ने लोगों से मिट्टी के दीये खरीदने की अपील की।