शिक्षिका श्रीमती गीता बसोया जी को पटका पहनाकर सम्मानित किया

गाज़ियाबाद।  शिक्षक दिवस पर अमृत सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में कृष्णानगर मोदीनगर में माँ सरस्वती जी के समक्ष दीप प्रज्वलित करके दिवंगत राष्ट्र पति  डाक्टर सर्वश्री राधाकृष्णन जी को श्रद्धांजलि अर्पित किये ।आपके ज्ञान और दर्शन से प्रभावित होकर ही आपके जन्मदिन को भारत शिक्षक दिवस के रूप में प्रतिवर्ष ससम्मान मनाता है और शिक्षण कार्य में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर शिक्षकों का सम्मान होता है। हमने भी आज शिक्षिका आदरणीय श्रीमती गीता बसोया जी को पटका पहनाकर सम्मानित किया।शिक्षा और विद्या एक ही भाव के दो पहलू हैं। बदलते समय में मूल्य बदल रहे हैं परंतु गुरु शिष्य परम्परा आज भी जस की तस है।

शिक्षा दो प्रकार की होती है औपचारिक और अनौपचारिक। जो हम संस्था में ज्ञान प्राप्त करते हैं वह औपचारिक होती है और जिसे हम तमाम उम्र जीवन के हर मोड़ पर  ग्रहण करते हैं वह औपचारिक होती है। 

श्रीमती गीता जी ने शिक्षण जगत के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कैसे वर्तमान में कौरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है।साथ ही नयी शिक्षा नीति पर विस्तृत पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए  बताया कि अब बच्चे पढ़ाई के साथ कोई न कोई हस्तकौशल भी सीखेंगे ताकि वो आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हों। प्राथमिक शिक्षा बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में प्राप्त करेंगे और जो विषय उनकी रूचि के होंगे वही पढ़ेंगे। नयी शिक्षा नीति कौरोना के कहर से निकलने पर सुचारू रूप से लागू होगी ।देवी शरण कश्यप जी ने बताया कि गुरु की महत्ता या महिमा का वर्णन सारे समुद्र को स्याही बनाकर सारी धरा को कागज बनाकर लिखी जाए तो भी नहीं लिखी जा सकती ।वर्षा ने डाक्टर सर्वश्री राधाकृष्णन जी का जीवन परिचय बताया ।

लघु संगोष्ठी में सभासद राजकुमार तंवर जी, गीता बसोया जी, देवीशरण कश्यप जी,नीता गुप्ता जी, शारदा जी,गुड्डी चौधरी, प्रियंका,शीला, वर्षा, अनमोल,  शिवांश,डुग्गू,शिवोम्,कृष्णा और अनिला सिंह आर्य आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही।