प्रयागराज झूसी थाने के अंतर्गत गैंगरेप के मुख्य आरोपी की हुई बेल खारिज

 प्रयागराज। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रयागराज झूसी थाने के अंतर्गत लूटपाट कर  गैंगरेप करने के मुख्य आरोपी  शिव सागर यादव की जमानत खारिज कर सत्र न्यायालय को एक से डेढ़ साल में ट्रायल खत्म करने का आदेश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चततुर्वेदी की पीठ ने याची के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनकर दिया।याची की ओर से सीनियर एडवोकेट बी पी श्रीवास्तव व पीड़िता की ओर से हनुमान सेना के राष्ट्रीय सलाहकार  सुनील कुमार (चौधरी ) ने बहस किया।

याची के अधिवक्ता  ने  बताया कि पीड़िता के पिता की ओर से 24-2-2019 को याची ,अमित पासी,विनीत पासी व 6-7 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।बी यू एम एस मेडिकल छात्रा (काल्पनिक नाम निर्भया पटेल) सुबह वाराणसी कालेज जाने के लिए अपने घर से 9 बजे अंदावा  बस स्टॉप पर पहुची।जब पीड़िता 11 बजे बस से वाराणसी जा रही थी तभी याची व 2 अन्य नामजद व 6-7 अज्ञात लोगों ने बस रोककर जबरदस्ती पीड़िता को बस से बाहर उतार लिया और कार में बैठा कर अज्ञात जगह ले जाकर जबरन नशीला पदार्थ पिलाकर गैंगरेप किया।रास्ते मे उसके सोने के जेवरात ,नगद राशि ,मोबाइल लूट लिया ।  किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दिया।पीड़िता ने पुलिस को बयान दिया कि सभी आरोपियों ने जबरन  कई बार रेप किया और सिगरेट से जला कर शारीरिक शोषण किया।पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में बताया कि 2018 से परिचित होने पर याची ने पीडिता का अश्लील वीडियो बनाकर,ब्लैक मेल कर अपने इसारो पर शारीरिक शोषण किया करता था।पुलिस के द्वारा छापा मारने पर नशे की हालत में याची नग्न अवस्था मे पाया गया।मेडिकल  में पीड़िता की उम्र 19 साल बताई गई है पीड़िता ने डाक्टर को बयान में बताया कि शरीर मे नाक,कोहनी,हाथ आदि में चोट आई है ।सिगरेट से भी पीड़िता को दागा गया है।शरीर मे दोनो होठ,चेहरा व प्राइवेट पार्ट पर भी चोटे आयी थी।उसके कपड़ो पर खून के धब्बे थे और उसके साथ बहुत बुरी तरीके से गैंग रेप किया गया था।

याची के अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता याची के साथ रिलेशन में थी।दोनों अभियुक्त अमित पासी,विनीत पासी की बेल हो चुकी है उसी आधार पर याची को भी बेल दे दी जाए।

पीड़िता के अधिवक्ता सुनील कुमार(चौधरी)ने बहस में बताया कि  यह बहुत ही अमानवीय व घिनौना अपराध है।एफ.एस. एल. रिपोर्ट से भी पता चलता है याची का सक्रिय तरीके से अपराध में शामिल था।और पीड़िता के साथ कसाई जैसा काम किया है।मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार धमकी मिलने पर सरकार ने एक  सुरक्षा  गनर भी पीड़िता के परिवार को दिया है।आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कई सामाजिक संघठनो ने आन्दोलन भी किया था।कोर्ट ने कोई भी सहानुभूति न दिखाते हुए बेल खारिज कर दी।और सत्र न्यायालय को डेढ़ साल के अंदर ट्रायल खत्म करने का आदेश दिया।पूर्व में इस केस में याची सागर यादव की ओर से अधिवक्ता स्वाति अग्रवाल,व सीनियर अधिवक्ता कमल कृष्ण ने भी बहस किया था।