डॉ अमित कुमार ने बेकार पड़ी पीपल की पत्ती की झिल्ली पर पेंटिंग बनाकर उसका सदुपयोग किया

गाज़ियाबाद।  मोदीनगर के निकट शेरपुर गांव निवासी डॉ अमित कुमार ने बेकार पड़ी पीपल की पत्ती की झिल्ली पर पेंटिंग बनाकर उसका सदुपयोग किया है तथा पीपल के पत्ते को एक नया कलात्मक रूप प्रदान किया है।  डॉक्टर अमित कुमार ने पीपल की पत्ती को पानी में डालकर 10 दिन बाद उसकी झिल्ली निकलने के बाद पीपल के पत्ते की झिल्ली पर रंगों की सहायता से चिड़ियों व प्रकृति चित्रण को तूलिका के माध्यम से चित्रित किया है।

  चित्रकला के क्षेत्र में डॉक्टर रामअवतार अग्रवाल के निर्देशन में पीएचडी कर चुके डॉक्टर अमित कुमार ने अपनी पहचान क्षेत्र में एक प्रयोग धर्मी कलाकार के रूप में बनाई है तथा चित्र कला के क्षेत्र में अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं।  उन्होंने अब तक चावल के दाने, सरसों के दाने, राजमा, छोले पर छोटी से छोटी पेंटिंग बना चुके हैं तथा लिखने वाली चौक पर मूर्तिकला बनाकर चौक को जीवित कलात्मक रूप प्रदान किया है इनकी पेंटिंग की प्रदर्शनी देश के विभिन्न हिस्सों में लग चुकी है।

 उनकी अनोखी कला पर विभिन्न संस्थाओं के द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है वर्तमान में अमित कुमार श्री हंस इंटर कॉलेज मुरादनगर में कला अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं तथा एनसीसी आफिसर के पद पर रहते हुए आर्मी की नर्सरी को तैयार करने में प्रयत्नशील हैं तथा छात्रों व एनसीसी कैडेट में कला के गुण व एकता और अनुशासन की भावना को विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।  जिससे कि एनसीसी कैडेट अनुशासन के दायरे में रहते हुए राज्य व केंद्र से संबंधित फोर्स में जाकर राष्ट्र सेवा कर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें।