गाज़ियाबाद। जीपीए द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विशेष परिस्थितियों उत्पन्न होने पर जैसे युद्ध ,बाढ़ , महामारी फीस निर्धारण को लेकर उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल के माध्य्म से 17 जून 2020 फीस अधिनियम 2018 में संशोधन का हवाला देते हुये जिलाधिकारी जो जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष भी है। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे, अभिभावको की फीस निजी स्कूलों द्वारा दी जा रही है।
ऑन लाइन शिक्षा के अनुसार निर्धारित करने एवम आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावको की फीस माफी की लिस्ट के समाधान के लिए ज्ञापन दिया।ऑन लाइन शिक्षा के अनुसार फीस निर्धारित करने को लेकर जीपीए टीम जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठ गई जिस पर अपर नगर मजिस्ट्रेट विनय कुमार सिंह ने आकर जीपीए टीम से सभी बिन्दुओ पर विस्तृत रूप से चर्चा की और उन्होंने बताया कि पिछले लंबे समय से बंद निजी स्कूलों से विवरण लिया जा रहा है कि जब से कोविड के कारण स्कूल बंद हैं तथा शिक्षा ऑनलाइन चल रही हैं, इन सस्थानों ने किन - किन संसाधनों की बचत की है, जल्द ही स्कूलो से बंद संशाधनों का विवरण जिनका प्रयोग कोविड के दौरान अभिभावको के छात्रों ने प्रयोग नही किया है, उन अभिभावको को फीस में राहत दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ना तो किसी भी छात्र / छात्रा की परीक्षा और ना ही ऑनलाइन क्लास बाधित होने दी जायेगी। जीपीए की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने बताया कि आज जीपीए टीम ने आठ ऐसे अभिभावको की लिस्ट भी जिलाधिकारी को सौपी है जिनके परिजन इस कोरोना में बिछड़ गये और नोकरी छूटने के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे है और स्कूल की फीस जमा नही कर पाए है। ऐसे अभिभावको की फीस तत्काल माफ की जाए। जीपीए को उम्मीद है कि जिलाधिकारी सभी बिन्दुओ पर विचार कर जिले के पेरेंट्स को राहत देगे। इस मौके पर विनय कक्कड़ , जसवीर रावत , संजय शर्मा , कौशलेंद्र सिंह , कौशल ठाकुर , नवीन राठौर , विजय चौबे , मुनेश कुमार , नरेश कसोना , कुशल पाल सिंह , राजकुमार , बाबू , विवेक त्यागी आदि मौजूद रहे।