गाजियाबाद की उभरती प्रतिभा बारह वर्षीय व्योम त्यागी 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के उपलक्ष्य में एक सप्ताह से योगा करा बच्चों को मानसिक रूप से शसक्त कर रहे है योग , इस महान शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द" यूज " से हुई योग से शरीर , मस्तिष्क और आत्मा का एक साथ मिलन होता है। योग विज्ञान के साथ साथ सम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है। योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है साथ ही मनुष्य और प्रकृति के बीच सामजंस्य की एक अहम कड़ी है।
12 वर्ष के होनहार छात्र व्योम त्यागी जो बहुत छोटी उम्र में तैक्वॉण्डो में ब्लैक बेल्ट है ने लोक डाउन में कोरोना महामारी से बचने के लिये अनूठी पहल कर पिछले लगभग दो महीने से अनेको बच्चों को ऑन लाइन क्लास के माध्य्म से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत किया। वही इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सप्ताह में बच्चो को सूर्य नमस्कार , भुजांग आसन , बल आसान , ताड़ासन , गोमुखासन , प्राणयाम आदि करा बच्चों को मानसिक रूप से ताकतवर बना एक उधाहरण पेश कर रहे है। व्योम त्यागी ने योग की सभी के लिए क्या महत्ता है। इसकी भी जानकारी देते हुये बताया कि दुनिया भर में इसकी प्रसद्धि को देखते हुये पहली बार 11 दिसम्बर को साल 2014 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हर वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का फ़ैसला किया गया था। योग शरीर के लिए जितना अच्छा है ,उतना ही मन को शांत करने के लिए भी फायदेमंद है। योग शारीरिक और मानसिक रूप से सभी के लिए वरदान है।