वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (विश्व रक्तदाता दिवस) पर रक्तदान शिविर का आयोजन

 गाजियाबाद।  यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशांबी  में 14 जून दिन सोमवार को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे (विश्व रक्तदाता दिवस) के उपलक्ष में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। विभिन्न बीमारियों एवं कोरोनावायरस मरीजों में रक्त के अवयवों ( ब्लड कॉम्पोनेंट्स) की प्रायः कमी देखी जा रही है, ऐसे में रक्तदान इन मरीजों के लिए जीवनदायिनी बन सकता है। 

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अनुज अग्रवाल ने बताया कि इस वॉलंटरी ब्लड डोनेशन कैंप का 14 जून को प्रातः 9:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक आयोजन किया गया। स्वैच्छिक रक्तदाताओं ने यशोदा हॉस्पिटल कौशांबी मे 30 यूनिट ब्लड डोनेट किया।मतदाताओं में से 29 वर्ष के साहिबाबाद झंडापुर के रहने वाले विशु कुमार ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने 23 वीं बार ब्लड डोनेट किया था। 

विशु कुमार ने बताया कि वह 20 साल की उम्र से ही ब्लड डोनेट करने लगे थे और ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि जब सात आठ साल के थे तब उनकी मम्मी का ऑपरेशन होना था और उसमें 7 से 8 यूनिट ब्लड की आवश्यकता थी जिसे उनके पड़ोसियों उनके मित्रों और अस्पताल वालों ने एवं उनके पिता ने देकर पूरा किया था उसी समय से उनके मन में ब्लड डोनेशन के महत्व के बारे में एक गहरी छवि बन चुकी थी और वह किसी भी परिचित व्यक्ति के कहने पर या किसी को आवश्यकता होने पर तुरंत ब्लड डोनेट करने को तैयार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि एक इंसान दूसरे की मदद करनी चाहिए। अगर आपका खून किसी की जिंदगी को बचा सकता है तो उसे देने में क्या हर्ज है। उन्होंने बताया कि बिना डरें रक्तदान करें।

 श्री कैलाश पप्नोई ने इस ब्लड डोनेशन कैंप का संचालन किया और बताया कि दाताओं में श्री विशाल शर्मा, साहिल आहूजा, अनिकेत, दीपक नेगी सचिन कुमार ,सानू ,कैलाश पपनोई ,अरुण, अंजनी कुमार मीनाजुल कमर, विजय सिंह रावत एवं अन्य लोगों ने ब्लड डोनेट किया। 

रक्तदान महादान है, एक इंसान के रक्त से दूसरे को नई जिंदगी मिलती है। विश्व रक्तदान दिवस  उन महादानियों की अपील है, जो अनजान लोगों की जिंदगी बचाने के लिए लगातार रक्तदान करें आ रहे हैं। एक या दो बार नहीं, बल्कि किसी ने 30 बार तो किसी ने 20 बार रक्तदान किया है। उनका कहना है कि यह उनके जीवन का हिस्सा है, जब तक स्वस्थ रहेंगे, निरंतर रक्तदान करते रहेंगे। 14 को विश्व रक्तदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। रक्त की जरूरत तो सभी को है, लेकिन आज भी कुछ लोगों में रक्तदान को लेकर भ्रांतियां हैं। लोग खून देने से हिचकते हैं। मगर उसी समाज में ऐेसे भी लोग हैं, जो नि:स्वार्थ रक्तदान करते हैं।