अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर "महिला स्वास्थ्य" विषय पर वेबीनार का आयोजन

गाज़ियाबाद। स्वस्थ महिला एक स्वस्थ समाज की आधारशिला होती है। लेकिन महिलाएं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के साथ-साथ, उनको निश्चल प्रेम देने में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि वे अपने ही स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाती हैं, जिसके कारण उन्हें कई बार गम्भीर शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


लेकिन समाज में महिला स्वास्थ्य पर ज़्यादा चर्चा नहीं होती है। या बहुत ही कम लोग इस बात को समझ पाते हैं और इस बारे में चर्चा करते हैं।


इसी बात के मद्देनजर “पावन चिंतन धारा आश्रम ” के स्त्री प्रकल्प “सनातन वीमेन” की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर "महिला स्वास्थ्य" विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं की विभिन्न शारीरिक व मानसिक परेशानियों के कारण व निदान पर 4 experts द्वारा चर्चा की गई।

इस ऑनलाइन वेबिनार में होमियोपैथिक एक्सपर्ट डॉ.संगीता गौर जी, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. रेणु यादव जी, एलोपैथीक एक्सपर्ट डॉ. पायल मित्तल जी और साइकोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. कविता अस्थाना जी ने महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बंधित अलग-अलग परेशानियों के बारे में चर्चा करी।

आजकल के बदलते परिवेश में स्त्रियों और छोटी बच्चियों मे cyst की परेशानी तेज़ी से बढ़ रही है। इसके निदान हेतु आधुनिक चिकित्सा विज्ञान एलोपैथी की डॉक्टर पायल मित्तल जी ने महामारी,पेट में दिक्कत सहित cyst के बारे में  discussion किया और उनके बचाव हेतु उचित खानपान, व्यायाम, अच्छी नींद, तनावमुक्त जीवन जीने की कोशिश सहित अनेक बातों का ध्यान रखने की सलाह दी।

सनातन धर्म की हज़ारों वर्षों पुरानी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद, का वर्णन हिन्दू ग्रन्थों में विस्तार से बताया गया है। आयुर्वेद का मूल आधार सृष्टि में व्याप्त पंचभूत - पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि एवं आकाश हैं। इनके उचित balance से कई बीमारियां ठीक की जाती हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. रेणु यादव जी ने वाद, पित्त और कफ पर आधारित आर्युवेद के अंतर्गत महिलाओ में बढ़ती हड्डियों की दिक़्क़त के कारण एवं उससे बचने के लिए आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के कुछ गुण बतलाए।साथ साथ सूर्य के द्वारा रोज विटामिन-D लेने की सलाह भी महिलाओं को दी।


वेबिनार में कोटा से होम्योपैथी विशेषज्ञ डॉ. संगीता गौर जी भी बतौर एक्सपर्ट  जुड़ीं थीं। उन्होंने स्त्रियों में बढ़ती "गैस की समस्याओं" के कारण और उससे होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण और उसके निवारण हेतु अनेक प्रकार के उपाय भी बताए, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण था जीवनशैली एवं भोजन में बदलाव को अपनाना।

उनके अनुसार, एक बेहतरीन, तनावमुक्त और उपयुक्त जीवन शैली को अपनाकर अनगिनत शारीरिक समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। गैस की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने छोटे छोटे टिप्स भी दिए। जैसे, खाना चबा चबा कर खाएं।रात को जितना हो सके हल्का भोजन लें।पानी खूब पीएं और सबका ध्यान रखते हुए पाने स्वास्थ्य में लापरवाही बिल्कुल न बरतें।

अंत में पावन चिंतन धारा आश्रम की सचिव व साइकोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. कविता अस्थाना जी ने स्त्रियों की "मानसिक समस्या" के विभिन्न पहलू बताते हुए इस समस्या के निदान हेतु अनेक उपाय भी बताए। 

डॉक्टर अस्थाना जी के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का हल उत्तर पश्चिमी दर्शन द्वारा नहीं, बल्कि हमारे महान सनातन धर्म - कार्यात्मक आध्यात्मिकता, जीवन में एक सकारात्मक लक्ष्य के होने और भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण के द्वारा होता है।

उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य न केवल शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य के बारे में है, बल्कि बौद्धिक, पर्यावरण, व्यावसायिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य भी है।

डॉक्टर अस्थाना जी के अनुसार, जन्म से लड़की किशोरावस्था, वयस्कता, करियर, विवाह, मातृत्व, मध्यम आयु आदि की यात्रा करती है और विभिन्न समस्याओं का सामना करती है ।जैसे भेदभाव, भावनात्मक अभाव, यौन शोषण, हार्मोनल परिवर्तन, उत्पीड़न आदि।

किसी अशांत मानसिक स्वास्थ्य के लक्षण कई हो सकते हैं। जैसे चिंता और अवसाद, mood swings, आत्मसम्मान की मांग, बांझपन, वजन, कब्ज, आक्रामकता, भूख न लगना, नींद न आना, चीजों में अरुचि, एकाग्रता की समस्या आदि।

डॉक्टर अस्थाना जी ने बताया कि solutions problems में ही छिपे होते हैं।इसलिए उन्होंने दवा के स्थान पर विभिन्न सामान्य से दिखने वाले उपायों और समाधानों के बारे में बात की। जैसे समझदारी से चलना, सुनने का मनोवैज्ञानिक प्राथमिक उपचार, समायोजन कौशल, मातृत्व की योजना बनाना, किताबें पढ़ना, योग के माध्यम से मस्तिष्क के तार्किक दाहिने हिस्से को सक्रिय करना आदि।

इसके बाद अस्थाना जी ने सभी को महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपनी वाणी को विराम दिया।

चारों स्पीकर्स की ज्ञानवर्धक प्रेजेंटेशन के बाद उनके द्वारा audience के प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए। इस वेबिनार में भारत से ही नहीं बल्कि नाइजेरिया, नॉर्वे, अमेरिका, सिंगापुर, मोज़ाम्बिक जैसे देशों से भी महिलाओं ने शिरकत करी।

सनातन वीमेन द्वारा आयोजित इस वेबिनार से क़रीब 20 हज़ार महिलाओं ने जुड़कर शारिरिक व मानसिक रूप से स्वयं को बली बना, राष्ट्रीय निर्माण के कार्यों में योगदान देने का संकल्प लिया।