गाजियाबाद।अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने मंगलवार को जिला अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए डीजल , पैट्रोल , रसोई गैस पर मूल्यवृद्धि का विरोध में वित्त मंत्री को ज्ञापन भेज जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष संदीप बंसल ने वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि देश में पैट्रोलियम उत्पादों ( डीजल , पैट्रोल , रसोई गैस ) को जी.एस.टी. के दायरे में लाया जाए। जिससे देश की आम जनता एवं उद्योग व्यापार को मंहगाइ एवं कच्चे माल की कीमतों में राहत मिल सके। क्योंकि जी.एस.टी. की अधिकतम दर 28 % है । पैट्रोलियम उत्पादों को 28 % के दायरे में लाने से कम से कम 25 % का अंतर इनकी कीमतों में आ जाएगा जिससे मंहगाई भी घटेगी कच्चे माल की कीमत घटेगी और भाड़ा भी घटेगा और आम जनता को राहत भी मिलेगी । जीएसटी में ई – वे बिल की सीमा 1 दिन में 200 किलोमीटर कर दी गई है जो कि व्यवहारिक नहीं है इसको पूर्व की भांति 100 किलोमीटर किया जाए साथ ही जीएसटी पर किसी भी तकनीकी त्रुटि के कारण कोई अर्थदंड या जुर्माना आरोपित ना किया जाए।जीएसटी विभाग स्वयं लगभग 1000 संशोधन जीएसटी के लागू होने से अब तक कर चुका है। यदि व्यापारी द्वारा कोई भूलवशः त्रुटि हो जाती है तो उसके ऊपर पेनल्टी आरोपित करना उचित नहीं है । जीएसटीआर- 1 ,जीएसटीआर – 3 में यदि किसी कारण से आसामानता हो जाती है तो उस त्रुटि के सुधार की गुंजाइश रखी जाए व्यापारी को अपनी बात कहने का अवसर दिया जाए साथ ही साथ वस्तु एवं सेवा कर के जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और व्यापारी का उत्पीड़न करते हैं। उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए । इस विश्वास के साथ यह ज्ञापन आपको प्रेषित कर रहे हैं कि आप तत्काल इसको संज्ञान में लेते हुए इस पर कार्यवाही करेंगे । इस अवसर पर निम्न व्यापारी जिला अध्यक्ष संदीप बंसल , अनिल गर्ग , दीपक गर्ग , प्रेम प्रकाश चीनी , अमन शिशौदिया , नानक गोस्वामी , महेन्द्र कुमार , संजय गुप्ता , विनोद अग्रवाल , सोनू सैनी , राहुल गर्ग , जगमोहन सिंह , अरूण मित्तल , हेमन्त सिंघल , सचिन गर्ग , सुशांत गुप्ता , राजेन्द्र कुमार राजू , सुनील कुमार एडवोकेट , रिंकू अग्रवाल , चाँद कुरैशी , इरफान , सलीम , मौ आजाद , सुन्दर , कपिल त्यागी , विकास कुमार , आलोक पाल , ठा नरेश पम्मी अरुन गुम , शिक्षा , सफज सेना , सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।