पावन चिंतन धारा आश्रम में नारायणावतार का आगमन…

 गाज़ियाबाद। पावन चिंतन धारा आश्रम में नारायण क्षेत्र की स्थापना हुई, जहाँ प्रभु श्रीराम, माँ सीता और भक्त शिरोमणि श्री हनुमान के साथ, योगेश्वर श्री कृष्ण अपने बालरूप लड्डू गोपाल, भगवान जगन्नाथ के रूप में भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ तथा आधुनिक युग के नारायण रूप परमहंस श्री रामकृष्ण जी महाराज, माँ शारदा जी और अपने आध्यात्मिक पुत्र स्वामी विवेकानंद जी के साथ अपना स्थान ग्रहण किया | मंदिर के भवन निर्माण से पूर्व क्रमशः राम जन्मभूमि अयोध्या, कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और बैलूर मठ, कलकत्ता से मिट्टी मंगाकर नींव में डाली गयी | मंदिर में प्रतिमा स्थापित करने के उपरांत परमपूज्य डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरूजी’, आदरणीय गुरु माँ एवं उपस्थित सदस्यों ने तिलकवंदन कर पूजन किया और फिर प्रमादी विक्रम संवत् 2077, पौष माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को अखंड जप प्रारंभ कर त्रयोदशी तक अखंड जप के साथ प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी | इस प्रकार हमारे आश्रम में शक्ति क्षेत्र, शिव क्षेत्र के साथ नारायण क्षेत्र भी स्थापित हुआ… 

 दिव्य ऊर्जा से परिपूर्ण इस पावन भू-खंड में और ध्यान-साधना के साथ दिव्यता की अनुभूति कीजिये…

साथ ही पूजनीय स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में आश्रम में 'आत्म निर्माण दिवस' मनाया गया | दिन का शुभारंभ हुआ परमपूज्य डॉ. पवन सिन्हा ‘गुरूजी’ और ऋषिकुलशाला के बच्चों के मिलन से, जहाँ परमपूज्य श्रीगुरु जी एवं आदरणीय गुरु माँ जी ने बच्चों को आसन, अनाज एवं खाद्य सामग्री आदि वितरित की। तदुपरांत युवा अभ्युदय मिशन द्वारा आयोजित वेबिनार में परमपूज्य श्रीगुरु जी, श्री ए. बालाकृष्णन जी (अध्यक्ष, विवेकानंद रॉक मेमोरियल) एवं विश्व विख्यात अभिनेता श्री मनोज जोशी जी ने ’2040 तक भारतीय युवाओं के लक्ष्य’ विषय पर विस्तृत एवं सार्थक चर्चा करते युवाओं को देश व संस्कृति के लिए स्वयं को तैयार करने हेतु प्रेरित किया। इन अद्भुत क्षणों में उपस्थित सदस्यों ने नारायण मंदिर में जप-ध्यान करने के साथ ख़ूब नृत्य-संकीर्तन भी किया।

फिर भोग प्रसाद ग्रहण कर सभी लोग हमारे आराध्य स्वामी विवेकानंद जी और परमपूज्य श्रीगुरु जी के जन्मोत्सव के लिए ध्यान मंदिर में एकत्रित हुए और भजन, सत्संग, नृत्य के साथ यह उत्सव पूर्ण हुआ…