जीपीए ने कोरोना वैश्विक महामारी वर्ष घोषित करते हुये शून्य करने की मांग उठाई


गाजियाबाद।गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने भारत सरकार के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी को पत्र लिखकर  शिक्षा सत्र 2020/21 को कोरोना वैश्विक महामारी वर्ष घोषित करते हुये शून्य करने की मांग उठाई। 


 एसोसिएशन ने आज भारत सरकार के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिख कर शिक्षा सत्र 2020 /21 को कोरोना वैश्विक महामारी वर्ष घोषित करते हुये शून्य करने की मांग उठाई। जीपीए ने  पत्र के माध्य्म से अवगत कराया कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण पिछले लगभग 9 महीने से देश के स्कूल पूर्णतया बंद है और देश में कोरोना से बचाव के लिये वैक्सीन उपलब्ध नही होने के कारण आगे भी खुलने का आसार नही दिखाई दे रहे है। बच्चों का लगभग 80 % शिक्षा सत्र कोरोना महामारी के कारण बर्बाद हो चुका है। ऑन लाइन शिक्षा लेने के लिए संसाधनों का अभाव होने के कारण देश के लाखों छात्र एवम छात्राएं ऑन लाइन शिक्षा से वंचित रह गए। जिनमे निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनयम 2009 के अंतर्गत पड़ने वाले छात्र / छात्राएं भी शामिल है। आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभावको के लाखो बच्चों की फीस जमा ना होने के कारण निजी स्कूलों द्वारा ऑन लाइन क्लास बंद कर दी गई। जिसके कारण बच्चे शिक्षा नही ले पाए अकेले उत्तर प्रदेश में ही लगभग 56 % छात्र / छात्राएं ऐसे ही जिनके पास ऑन लाइन शिक्षा लेने के लिए संशाधन मौजूद नही है। जिसके कारण देश के करोडो बच्चे ऑन लाइन शिक्षा से वंचित रह गए।  जिसके कारण शिक्षा में समानता के अधिकार का भी हनन हुआ है आधी - अधूरी ऑन लाइन शिक्षा के कारण नजदीक आती परीक्षा को लेकर  छात्र / छात्राएं मानसिक दबाब में है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने मानव संसाधन विकास मंत्री जी से निवेदन किया है कि देश के करोडो छात्र / छात्राओ का हित ध्यान में रखते हुये इस शिक्षा सत्र को कोरोना वैश्विक महामारी वर्ष घोषित करते हुये शिक्षा सत्र 2020 /21 को शून्य घोषित करने की संतुति की जाये।