नोएडा। सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर पिछले सप्ताह जारी एक नोटिफिकेशन के प्रावधानों से व्यापारी नाराज हैं। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम)ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में इन प्रावधानों को वापस लेने का निवेदन किया है।
इन प्रावधानों में एक महीने में 50 लाख रुपये से अधिक की बिक्री करने वाले व्यापारी को उसके पास उपलब्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के 99 पर्सेंट की लिमिट तय करना, सप्लायर की ओर से इनवॉयस न जमा करने पर GSTR 2B में उपलब्ध क्रेडिट के क्लेम को 10 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट करना और CGST रूल्स के तहत ई-वे बिल की वैधता को एक दिन में प्रत्येक 200 किलोमीटर के ट्रांसपोर्टेशन तक करना है, जो पहले 100 किलोमीटर था।
फैम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयेन्द्र तन्ना , नेशनल जनरल सेक्रेटरी वी के बंसल एवं नेशनल कमिटी मेंबर आदित्य खन्ना ने कहा कि इन प्रावधानों से पहले से नकदी की कमी का सामना कर रहे व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। उनका कहना है कि वैश्विक महामारी के इस दौर में छोटे और मझोले कारोबारी पहले ही बड़े नुकसान का सामना कर रहे हैं और लाखों कारोबारियों के लिए व्यापार में बने रहना भी लगातार मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद जीएसटी काउंसिल नियमों को और सख्त बनाकर ईमानदार व्यापारियों के लिए हालात खराब कर रही है।
कोरोना पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद सरकार ने बहुत से सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी, लेकिन रिटेलर्स और ट्रेडर्स को राहत देने के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई जारी रखने के लिए व्यापारियों की ओर से की गई कोशिशों की प्रशंसा की थी।
फेडरेशन ने इस वर्ष अप्रैल से दिसंबर के दौरान फॉर्म 3B जमा करने में हुई देरी के लिए लगाई गई पेनाल्टी को माफ करने के लिए सरकार से ‘विवाद से विश्वास’ जैसी एमनेस्टी स्कीम लाने की भी मांग की है।
फेडरेशन ने उम्मीद जताई है कि सरकार 22 दिसंबर को जारी नोटिफिकेशन में किए गए प्रावधानों को जल्द वापस लेकर व्यापारियों को राहत देगी। ऐसा न होने पर व्यापारियों और उनके साथ जुड़े लाखों लोगों के लिए रोजगार का संकट खड़ा हो सकता है।
इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों और जीएसटी काउंसिल के सदस्यों को भी भेजी गई है।