गाजियाबाद। के निजी स्कूलों द्वारा किया जा रहा है शासन के आदेशो का जमकर उलघ्न फीस का दबाब बनाने के लिए बच्चों की ऑन लाइन क्लास बंद करने के साथ यूनिट टेस्ट देने से भी रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार , जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों के पास नही कोई जबाब आखिर किस आधार पर दे अभिभावक पिछले आठ महीने से बंद निजी स्कूलों की पूरी फीस प्रदेश सरकार की चुप्पी से स्तब्ध। गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षण आयोग और जिला विद्यालय निरीक्षक से की शिकायत अगर जल्दी ही नही हुआ समाधान तो जीपीए उठाएगी बड़ा कदम।
जिले के निजी स्कूलों द्वारा फीस जमा करने के दबाब बनाने की नीति के तहत लगातार बच्चों और अभिभावको का शोषण किया जा रहा है और बच्चों की ऑन लाइन क्लास रोकने , यूनिट टेस्ट बाधित करना और बच्चों के रिजल्ट रोकना जैसे कार्य कर 4 जुलाई के अपर मुख्य सचिव अराधना शुक्ला के आदेश का उलघ्न किया जा रहा है। जिसमे साफ साफ लिखा है कि फ़ीस जमा ना कर पाने वाले किसी भी अभिभावक के बच्चे की ना तो ऑन लाइन क्लास रोकी जाएगी और ना ही नाम काटा जाएगा। उसके बाद भी गजियाबाद के संस्कार दी को एजुकेशन स्कूल मे कक्षा 7 में पढ़ने वाले छात्र ध्रुव तायल और नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल , वैशाली द्वारा कक्षा 4 में पढ़ने वाले छात्र यश वर्धन की ऑन लाइन क्लास रोक दी गई, साथ ही बच्चों को ऑन लाइन यूनिट टेस्ट से भी रोक दिया गया। अभिभावको द्वारा इसकी शिकायत जीपीए से की गई जिसका संज्ञान लेते हुये गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला विद्यालय निरीक्षक को स्थिति से अवगत कराते हुये स्कूलो पर सख्त कार्यवाई करने और बच्चों की ऑन लाइन क्लास जल्द से जल्द शरू कराने का अनुरोध किया है। साथ ही जीपीए द्वारा चेतावनी भी दी गई है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नही किया गया तो जीपीए को बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।