लिखने को तो लिखते हैं सबके लिए, लेकिन आज सिर्फ़ उनके लिए जिन्होंने हमें लिखना सिखाया - शिल्पा वशिष्ठ (योगिता)

                            "शिक्षक दिवस"


उनके लिए हम क्या कहें हमारे पास शब्द ही नहीं.. कोई ऐसी शिक्षा ही नहीं जो उन्होंने हमें दी नहीं।


माता पिता के ऋणी है इस सुन्दर जीवन के लिए.. लेकिन 'गुरु' ने रखी नींव हमारे भविष्य के लिए।


जीवन के उतार चढ़ाव से हमें अवगत कराया.. हमें अच्छे बुरे का ज्ञान जिन्होंने हमेशा सिखाया जीवन के हर एक पड़ाव पर हमने सीख इनसे ली है..


किसी ना किसी रूप में आकर हमें शिक्षा इन्होंने दी है, हर वो प्राणी गुरु रूप है जिसने हमें कुछ भी सिखाया है..


हर पल हर क्षण जीवन में हमें निरंतर आगे बढ़ाया है ,है उपकार उन्हीं का हम पर जो मन में आत्मनिर्भरता है..


उन्हीं के ज्ञान के कारण जीवन में हमारे आज संपन्नता है। कमजोर नहीं इतना वो ज्ञान जो दिया गुरुजनों ने हमें..


सिर्फ़ याद करे जो "शिक्षक दिवस" के ही दिन उन्हें। है कोटि कोटि धन्यवाद हृदय से हमारे सभी गुरुजनों को..


आशीर्वाद हम पर बना रहे, ईश्वर हर एक खुशी दे उनको।                                                                                                - शिल्पा वशिष्ठ (योगिता)