जीपीए पदाधिकारी पर पत्नी सहित मुकदमा दर्ज़, अभिभावक बनाम स्कूल की लड़ाई बनी अभिभावक बनाम प्रशासन

गाजियाबाद। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के सचिव अनिल सिंह पर शास्त्रीनगर चौकी इंचार्ज हरेंद्र पाल सिंह जादौन द्वारा साज़िश के तहत की गई एफ.आई.आर, पुलिस द्वारा रात साढ़े आठ बजे घर में दबिश डाली गई, उस समय उनके घर में अनिल सिंह की पत्नी और संतान थे। बिना किसी कारण इस तरह घर में घुसने से सभी आश्चर्य चकित थे, उसके बाद पुलिसिया भाषा का प्रयोग करते हुए धोखे से जबरन लाइसेंसी पिस्टल व पिस्टल का लाइसेंस और पत्नी का मोबाइल ले जाने के बाद अपने बचाव के लिए झूठा आरोप लगा उनकी पत्नी के खिलाफ भी संगीन धारा-388 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। रात में बिना महिला पुलिस के घर में घुसकर प्रदेश सरकार की महिला सुरक्षा , 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' और महिला सशक्तिकरण की सरकार की मुहिम को तार तार किया। 11 सितंबर को शास्त्रीनगर ई ब्लाक स्तिथ नेहरू वर्ल्ड स्कूल में अभिभावकों का शांतिपूर्ण सांकेतिक ज्योति जलाओ, स्कूल को जगाओ का प्रयास था जो केवल स्कूल के गेट पर मोमबत्ती लगाना था। स्कूल प्रशासन द्वारा केंडल मार्च को रोकने के एक घन्टे पहले ही पुलिस को बुला कर स्कूल के गेट पर बैठा दिया गया था। लेकिन चौकी इंचार्ज ने रजिस्टर में चढ़ाया की वह वाहन चेकिंग पर निकले हैं। उस शांत कॉलोनी के पार्क के सामने स्कूल गेट पर कौन सी चैकिंग थी, यह पहेली भी सुलझनी बाकी है। शास्त्रीनगर चौकी इंचार्ज को समझाने की भरपूर कोशिश की गई कि यह केंडल मार्च पूर्णतया शांतिपूर्ण है, सोशल डिस्टेंसिनग का पालन होगा और एक-एक मोमबत्ती लगा सब घर चले जायेंगे, लेकिन उन्होंने एक न सुनी और अभिभावकों की मोमबत्ती छीन उकसाने लगे। महिलाओं के साथ अभद्रता में पारंगत लगते चौकी इंचार्ज ने बहस शुरू की और अपनी आवाज को आसमान पर पहुंचा दिया। साथियो सांकेतिक केंडल मार्च (केवल स्कूल के गेट पर मोमबत्ती जलाई गई कैंडल मार्च नही किया गया) समाप्त होने के बाद सभी अभिभावक शांतिपूर्ण घर वापस चले गये ऐसा प्रतीत होता है जैसे स्कूल द्वारा शास्त्रीनगर चोकी इंचार्ज को मोटा पैसा केंडल मार्च को रोकने के लिए दिया गया। जिसकी वजह से वो एक घन्टे पहले ही स्कूल के गेट पर आकर बैठ गये। और षड़यंत्र के तहत जीपीए के सचिव और उनकी पत्नी के खिलाफ संगीन धाराओ में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जो दिखता है कि किस प्रकार जिले में अभिभावकों की आवाज को दबाने की सजिश की जा रही है, जीपीए के क्रांतिकारी साथी आप सभी को आश्वस्त करते है, कि हजारों मुकदमे होने के बाद भी ये न्याय की मुहिम रुकने वाली नही, जीत सत्य की ही होगी।