5 हजार बेरोजगारों को रोजगार देगा नगर निगम, कूड़ा निस्तारण के लिए 10 फैक्ट्री बनाई जाएगी

गाजियाबाद। शहर में कूड़ा निस्तारण की दस फैक्ट्रियां बनाई जाएंगी। पहली फैक्ट्री सिहानी और दूसरी रेतमंडी में बनाई जाएगी। इन फैक्ट्रियों में सिटी जोन के 23 वार्ड का कूड़ा ले जाकर निस्तारित किया जाएगा। इससे एक तरफ शहर में स्वच्छता बढ़ेगी, तीसरी फैक्ट्री मोहन नगर जोन स्थित अर्थला में लगाने की तैयारी है। हालांकि अभी स्थान तय नहीं किया गया है। शुरुआत में पांच फैक्ट्रियां लगाई जाएंगी। वहीं पांच हजार बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। इनमें कार्य रफ्तार पकड़ेगा तो पांच और फैक्ट्री बनाई जाएंगी। वहां दो हजार मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारित होगा। योजना परवान चढ़ी तो शहर से खत्म होगी गंदगी। शहर में कूड़ा निस्तारण के लिए दस फैक्ट्री बनाई जाएगी। जिसमें पांच हजार लोग नौकरी करेंगे। इस साल के अंत तक शहर में कूड़ा निस्तारण को लेकर हो रही समस्या का पूरी तरह समाधान कर दिया जाएगा। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर द्वारा कूड़ा निस्तारण की दस फैक्ट्रियों को बनाने की योजना अगर परवान चढ़ी तो न जगह-जगह गंदगी के कारण हो रही परेशानी से शहरवासियों को छुटकारा मिल जाएगा। शहर में अभी करीब 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इससे स्पष्ट है कि दो हजार मीट्रिक टन कूड़ा निस्तारित करने की दस फैक्ट्रियों के बनने से न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य में भी आबादी बढ़ने के बाद भी कूड़ा निस्तारण में कई साल तक परेशानी का सामना शहरवासियों को नहीं करना पड़ेगा।


ऐसे मिलेगी पांच हजार बेरोजगारों को नौकरी - कूड़ा निस्तारण के लिए शहर में बनाई जाने वाली प्रत्येक फैक्ट्री में पांच सौ लोग नौकरी पर रखे जाएंगे। इस तरह से दस फैक्ट्री में पांच हजार लोग रोजगार पा सकेंगे। शहर में बड़ी संख्या में सड़कों पर कूड़ा बीनने वाले लोग कंधे पर बोरी लटकाकर घूमते हुए दिखते हैं, ऐसे लोग अब सीधे इन फैक्ट्रियों में नौकरी कर सकेंगे। जिनका काम कूड़े में से लोहे का सामान, प्लास्टिक का सामान, दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकने वाला सामान छांटना होगा। अलग किए गए कूड़े को नगर निगम द्वारा दूसरी फर्माें को बेचा जाएगा। दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सकने वाला कूड़ा खरीदने वाली फर्म उनसे उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचेंगी। फैक्ट्री में कूड़ा निस्तारण के लिए मशीनें भी लगाई जाएंगी। कूड़ा निस्तारण के लिए लगाई जाने वाली फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को यूनिफॉर्म, हेल्मेट, दस्ताने, मास्क पहनकर ही काम करने की इजाजत होगी। फैक्ट्री में सैनिटाइजेशन करवाया जाएगा। स्नानागार भी बनाए जाएंगे, जिससे काम खत्म करने के बाद कर्मचारी स्नान कर सकें। पांच फैक्ट्री इस साल के अंत तक और पांच फैक्ट्री अगले साल खोलने की तैयारी है। नगरायुक्त का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे पूरा करने में नगर निगम के अन्य अधिकारी भी जुट गए हैं।