राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में घोषित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से सम्बन्धित आज, 7 अगस्त को आयोजित एक सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दिया हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा से सम्बन्धित प्रस्तावों को लेकर आयोजित सम्मेलन ‘कॉन्क्लेव ऑन ट्रांसफॉर्मेशनल रिफॉर्म्स इन हायर एजुकेशन अंडर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी’ को प्रधानमंत्री संबोधित किया हैं। आइए जानते हैं राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के प्रस्तावों को लेकर प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें इस संम्मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय (नया नाम शिक्षा मंत्रालय) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग – यूजीसी (नया नाम हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इडिया – एचईआईसी) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। इस सम्मेलन में शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने वाली समिति के अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन भी उपस्थित रहे।प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा मंत्री, यूजीसी और अध्यक्ष समेत राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तैयार करने वाली समिति के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने सभी कुलपतियों का भी स्वागत किया।तीन चार वर्षों के लाखों सुझावों पर मंथन के बाद एनईपी 2020 को स्वीकृत का गया है।एनईपी को लेकर किसी भी तरह का पक्षपात का मुद्द नहीं उठा, जो कि लोगों के बदलाव की इच्छा को पूरा करता है।जहां तक पॉलिटिकल विल की बात है तो मै पूरी तरह आपके साथ हूं।हर देश अपनी शिक्षा नीति को अपने नेशनल गोल्स के साथ मिलाकर आगे बढ़ता है। देश का एजुकेशन सिस्टम आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार यही सोच है। यह नये भारती को तैयार करने वाली नीति है।देश के युवाओं को नई सदी में जिस शिक्षा नीति की जरूरत है यह उसे पूरा करती है।भारत के नागरिकों को सशक्त करने पर जोर दिया गया है। नये समय की जरूरतों के हिसाब से छात्र पढ़ेंगे तो नेशन बिल्डिंग में कॉन्सट्रक्टिव भूमिका अदा कर पाएंगे।