जिलाधिकारी से ऑनलाइन क्लास के फीस निर्धारण की मांग

गाज़ियाबाद। जैसा कि आप सभी जानते है इस वैश्विक महामारी में जिले के निजी स्कूलों द्वारा मानवता को ताक पर रख नये-नये तरीके अपना कर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाब बनाया जा रहा है और अब स्कूलों ने अभिभावकों पर दबाब बनाने की रणनीति के तहत बच्चों की ऑन-लाइन क्लास भी बंद करनी शरू कर दी है। यहाँ आपको अवगत कराना अति आवश्यक है कि राज्य सरकार द्वारा माननीय राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने फ़ीस अधिनितम 2018 में किये गये एक संशोधन के अनुसार ज़िला स्तरीय शुल्क नियामक समिति (डी.एफ.आर.सी) को इन विपरीत परिस्थितियों में जैसे महामारी, युद्ध , बाढ़ आदि की स्थिति का हवाला देते हुए फ़ीस निर्धारण का अधिकार दिया गया है जिसका शासनादेश जिला विद्यालय निरीक्षक को गाज़ियाबाद पेरेंट्स एसोसिशन द्वारा दिया गया है।  उसके बाद भी जिला स्तरीय शुल्क नियामक कमेटी, ऑन-लाइन की फ़ीस निर्धारण के मुद्दे पर लगातार चुप्पी साधे दिखाई दे रही है और अभिभावकों के इन मुद्दों से बचती नजर आ रही है और वही दूसरी तरफ जिले के निजी स्कूल डी.एफ.आर.सी के इस ढुलमूल रैवये का भरपूर फ़ायदा उठाते हुए बच्चों का उनकी ऑनलाइन क्लास से बाधित करते हुए बच्चों का लगातर शोषण कर रहे है। आख़िर क्यों नही डी.एफ.आर.सी, सरकार के द्वारा जारी आदेश को देखते हुए ऑनलाइन क्लास की फ़ीस को निर्धारित कर रही है, जबकि अभिभावक यहाँ लगातार शिक्षा अधिकारियों और जिलाधिकारी से ऑन-लाइन क्लास के हिसाब से फ़ीस निर्धारण करने की मांग कर रहे है। लेकिन यह शायद निजी स्कूलों का प्रशासन पर दबाब का ही नतीज़ा है जो  प्रशासन इस ज्वलंत मुद्दें पर मौन धारण कर के बैठा है  इतने अहम मुद्दें पर, अभिभावकों और स्कूलों के मुद्दों के ना सुलझने का सबसे अहम कारण ख़ुद डी.एफ.आर.सी, कमिटी ही है जो इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने और करने को तैयार ही नही है वर्ना 17, जून प्रदेश के राज्यपाल के अदेशानुर अभी तक डी.एफ.आर.सी के अध्यक्ष होने के नाते इस आदेश के तहत ऑनलाइन क्लास की फ़ीस का निर्धारण, ज़िला स्तरीय नियामक कमिटी, द्वारा किया जा चुका होता है, आज जिले का प्रत्येक अभिभावक, डी.एफ.आर.सी के अध्यक्ष जिलाधिकारी महोदय, से यह जानना चाहता है की आख़िर क्यों ऑनलाइन क्लास की फ़ीस कमिटी द्वारा निर्धारित नही की जा रही।