देश की पहली कोरोना वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है - डॉ हर्षवर्धन

नई दिल्ली। देश में प्रतिदिन अब करीब 70 हजार तक मामले सामने आने लगे हैं। भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का कहर तेजी से बढ़ रहा है। इस बीच भारत में लोगों को कोरोना वैक्सीन को लेकर काफी उम्मीदें हैं। रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बना ली है लेकिन आखिर भारत में पहली कोरोना वैक्सीन कब तक आ सकती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो देश की पहली कोरोना वैक्सीन इस साल के अंत तक आ जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत का पहली वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध हो सकती है। डॉ हर्षवर्धन बताया कि देश में कोरोना वायरस का पहला मामला 7 जनवरी,2020 को सामने आया था और अगले ही दिन हमने कोरोना वायरस के खिलाफ नीति बना ली थी। डॉ. हर्षवर्धन ने जानकारी दी कि फिलहाल देश में कोरोना की वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो से तीन महीनों में भारत में कोरोना की वैक्सीन लॉन्च हो सकती है।  डॉ. हर्षवर्धन ने NDRF के 10 बेड वाले makeshift अस्पताल का उद्घाटन करते हुए बताया कि हमारी कोरोना वैक्सीन में से एक का ट्रायल तीसरे चरण में है। उन्होंने कहा है कि हमें हमें पूरा विश्वास है कि इस साल के अंत तक एक वैक्सीन विकसित हो जाएगी। वर्तमान में देश में तीन कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।पहली वैक्सीन का नाम स्वदेशी रूप से कोवाक्सिन है, जिसे  भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आइसीएमआर) के साथ सयुक्त रूप से विकसित किया है। दूसरी वैक्सीन का नाम- जाइकोव-डी है, जिसे फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने विकसित किया है।इस पर भारत के साथ ही विदेश में बनने वाली कोरोना वैक्सीन की जानकारी अंग्रेजी समेत कई क्षेत्रीय भाषषाओं में उपलब्ध होगी।