उत्तर प्रदेश। अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान सोमवार सुबह नौ बजे से शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री बुधवार को मध्याह्न राम मंदिर की आधार शिला रखेंगे, तब तक भूमिपूजन का अनुष्ठान निरंतर चलता रहेगा।रामजन्मभूमि पर राम मंदिर के लिए भूमिपूजन तो बुधवार को होगा, लेकिन यह खुशी अयोध्या के साथ-साथ देशभर में दो दिन पहले ही से छा गई है।
हनुमानगढ़ी में निशान पूजन शुरू हो गया है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार यह सात सौ साल पुराना निशान है। निशान पूजन के बाद इसे शहर में घुमाने की परंपरा रही है, लेकिन कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते इस बार शहर मेंं निशान भ्रमण यात्रा नहीं निकाली जाएगी। नाका हनुमानगढ़ी को देसी घी के दीपों से सज्जित करने की तैयारी है, तो एक आध्यात्मिक संस्था की ओर से अयोध्या के सभी शिवालयों और सरयू तट को देसी घी के दीपों से आच्छादित करने की तैयारी की गई है।राम जन्मभूमि पर भव्य-दिव्य मंदिर निर्माण के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप भूमि पूजन का तीन दिवसीय अनुष्ठान सोमवार सुबह नौ बजे से शुरू हो गया है। इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति पांच अगस्त (बुधवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि एवं शिलापूजन के साथ मंदिर की आधारशिला रखकर करेंगे। अनुष्ठान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। भूमि पूजन के अवसर पर मंगलवार व बुधवार को संस्थान की ओर से 21 सौ दीपों की महाआरती की जाएगी। कई मंदिरों में सोमवार से ही भूमि पूजन को लेकर दीपोत्सव का उल्लास छलका। तपस्वी जी की छावनी में महंत परमहंस दास के संयोजन में 51 सौ दीप जले तो रानोपाली स्थित उदासीन ऋषि आश्रम में सप्ताहभर से दीप जलाकर मंदिर निर्माण की शुरुआत का उल्लास व्यक्त किया जा रहा है। अब मंगलवार को यह उल्लास पूरे शहर में दिखेगा।