10वीं के छात्र ने कमरे में फांसी लगाकर की खुदखुशी

गाज़ियाबाद। इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित एक सोसायटी में 10वीं के छात्र ने आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच में पता चला है कि छात्र पिछले तीन दिन से बिल्ली के बच्चे की मांग कर रहा था। वह पबजी खेलने का आदी था।पुलिस के मुताबिक छात्र दिल्ली के एक हॉस्टल में रहकर 10वीं की पढ़ाई करता था। लॉकडाउन लगने पर मार्च में छात्र घर आ गया था। छात्र अपनी मां के साथ घर पर था। छात्र के पिता नौकरी के सिलसिले में विदेश में हैं। गुरुवार सुबह छात्र ने कमरे में फांसी लगा ली। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला। मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस पूछताछ में मां ने बताया कि छात्र तीन दिन से बिल्ली का बच्चा लाने की मांग कर रहा था, मगर वह बिल्ली का बच्चा किसी कारणवश नहीं ला सकीं। इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संजीव शर्मा का कहना है कि छात्र के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ.संजीव त्यागी का कहना है कि आजकल अभिभावक बच्चों की बचपन से ही हर मांग पूरी करने लगते हैं। बच्चों में भावना पैदा हो जाती है, कि उनकी हर मांग उनका हक है। बाद में बच्चों की मांग पूरी नहीं होती है तो उन्हें लगता है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। कई बार अभिभावक बच्चों को समय नहीं देते हैं उन्हें पैसा दे देते हैं। इससे अभिभावक बच्चों की भावनाओं को नहीं समझ पाते हैं कि बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है। हर अभिभावक अपने बच्चों को समय दें। बच्चों के सबसे अच्छा दोस्त बनें। बच्चों को समझने की कोशिश करें कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। यदि बच्चे के मन में कुछ गलत चल रहा है तो उसे सही गलत का ज्ञान कराएं और समझाएं।