बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले स्कूली वाहनों पर हो सख्त कार्यवाई - जीपीए

गाजियाबाद। जीपीए ने प्रदेश सरकार में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव लक्को वेंकटेश्वरलू द्वारा स्कूल वैन और बसों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने के अहम फैसले का स्वागत किया है। आदेश के अनुसार स्कूल मैनेजमेंट और वैन मालिको को 3 माह के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगवाने होंगे। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने कहा कि जहाँ स्कूल वैन और बसों में सीसीटीवी लगने से बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी, वही स्कूल वैन की निगरानी भी हो सकेगी, साथ ही बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा अगर हम गौर करेंगे तो उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 में कहा गया है कि बसों और वैन को पीले रंग से रंगा जाना चाहिए और ‘स्कूल बस’ शब्द को आगे और पीछे दोनों तरफ लिखा जाना चाहिए। 

वाहनों में प्रेशर हॉर्न या मल्टी-टोन हॉर्न नहीं लगाए जा सकते, न ही आपात स्थिति के लिए उनमें अलार्म घंटी या सायरन लगाया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि वाहनों में अग्निशामक यंत्र, जीपीएस ट्रैकिंग और एक परिचारक भी होना चाहिए. लेकिन निजी स्कूलों के अधिकतर वाहन इन नियमो को अमल में नही लाते है और जिले स्तर पर अधिकारी इन स्कूली वाहनों पर ठोस कार्यवाई करने से बचते है अगर प्रदेश सरकार इस आदेश को लागू कराने में सफल होती है तो निश्चित तौर पर बच्चों की सुरक्षा के साथ दिन प्रतिदिन होने वाली अप्रिय घटनाओं पर अंकुश लगेगा। हमने पूर्व में देखा है कि प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों के लिये दिए आदेश मीडिया की सुर्खिया तो बनते है लेकिन धरातल पर लागू नही हो पाते है। हमे आशंका है कि छात्रों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुये इस आदेश का हस्र भी अभिभावको के लिये बने फीस अधिनियम 2018 के जैसा ना हो जो आदेश के 5 साल बाद भी प्रदेश में पूर्ण रूप से लागू नही हो पाया है। हम उम्मीद करते है कि यूपी सरकार स्कूल वैन और बसों में तीन माह के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश को प्रदेश के प्रत्येक जिले में सख्ती से लागू कराएगी और आदेश को नही मानने वाले स्कूल मैनजमेंट और वैन मालिको पर सख्त कार्यवाई सुनिश्चित करेगी ।