गाज़ियाबाद। मास को ऑपरेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौसीफ हाशमी ने कहा कि आखिरकार 2 महीने बाद बुजुर्ग व्यक्ति की एफआईआर कोतवाली गाजियाबाद में दर्ज हो ही गई इसके लिए उन्होंने गाजियाबाद पुलिस को धन्यवाद दिया।लेकिन इस एफआईआर ने पुलिस की पोल खोल दी है कैसे पुलिस बुजुर्गों की मदद के बजाय उनका शोषण करने के लिए तत्पर रहती है बुजुर्ग की शिकायत पर थाना कोतवाली पुलिस एवं सिहानी गेट थाना की पुलिस द्वारा लगातार तीन बार गुमराह कर देने वाली झूठी रिपोर्ट लगाई गई और प्रकरण को धोखाधड़ी का नहीं मानते हुए सिविल का बता कर कोर्ट मैं जाकर कार्यवाही करने की आख्या लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता था पीड़ित बुजुर्ग की बात कोई अधिकारी/कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं था, एक थाना से दुसरे थाना के चक्कर कटवा रहे थे तब जाकर बुजुर्ग हाजी लियाकत ने एनजीओ के अध्यक्ष तौसीफ हाशमी से संपर्क किया जिनके हस्तक्षेप के बाद 14 दिसम्बर 23 को थाना घंटाघर कोतवाली पुलिस द्वारा धोखाधड़ी का एक मामला सागर पुत्र भागीरथ एवं दिनेश कुमार पुत्र पुषण पाल के विरुद्ध दर्ज कर लिया गया।
इस मौके पर पीड़ित हाजी लियाकत ने कहा कि प्रार्थी थानो के चक्कर लगाते लगाते पूरी तरह टूट चुका था अब जाकर उसने एनजीओ का सहारा लिया इसके बाद पीड़ित की एफआईआर दर्ज की गई इसके लिए मैं एनजीओ के सभी पदाधिकारी एवं एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौसीफ हाशमी जी को धन्यवाद देता हूं। साथ ही कहना चाहता हूं कि सत्यमेव जयते।
जो काम आज पुलिस द्वारा किया गया यदि वही काम दो महीने पहले पीड़ित का कर दिया होता तो शायद अब तक पीड़ित के मामले का समाधान भी हो गया होता और पीड़ित को इतना परेशानी का सामना भी नही करना पड़ता लेकिन पुलिस बुजुर्गों के नाम पर केवल योजना चला रही है मदद करने को तैयार नही है।