रिलायबल इन्स्टीटयूट् में मैनेजमेन्ट एवं वाणिज्य अंतिम वर्ष के विद्यार्थियो का विदाई समारोह

 गाजियाबाद रिलायबल इन्स्टीटयूट् आँफ मैनेजमेंट एण्ड टैक्नोलोजी,एनएच58 राजनगर एक्सटेंशन दिल्ली मेरठ रोड गाजियाबाद मे बी0बी0ए0 एवं बी0कॉम0 प्रथम, द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओ ने बी0बी0ए0 एवं बी0कॉम0 तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओ को आज विदाई दी। इस अवसर पर छात्र छात्राओ द्वारा सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जिसमे गाने, डांस, व छोटे-छोटे खेल कूद के कार्यक्रम थे। सभी छात्र-छात्राओ ने एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ मायूसी का माहौल था। इसका सीधा-सीधा सम्बन्ध इन्स्टीटयूट् मे बिताये हर पल की याद का एहसास करा रहा था। साथ ही  आने वाले भविष्य उनके लिए और भी चुनौती पूर्ण होगा कुछ अपने व्यवसाय से जुडेगे और कुछ अपनी आगे की पढाई करेगे। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष सी0ए0 जितेन्द्र गोयल, रिलायबल सोसाइटी के अध्यक्ष सी0ए0 अनुज गोयल, निर्देशिका डा0 पूनम गोयल तथा बडी संख्या मे छात्र-छात्रांए तथा फैकल्टी मैम्बर्स मौजूद थे।

इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष सी0ए0 जितेन्द्र गोयल ने कहा कि आना-जाना जीवन का नियम है उन्होने विद्यार्थियो से कहा कि उनका भविष्य सुन्दरता से भरा होगा जिस पर उन्हे कसौटी पर खरा उतरना भी होगा। रिलायबल सोसाइटी के अध्यक्ष सी0ए0 अनुज गोयल ने संदेश देते हुए कहा कि जीवन चुनौतियो से भरा है और हमारे छात्र हर चुनौती के लिए तैयार है, उन्हे जीवन की हर चुनौती को स्वीकार करते हुए ही जीवन मे आगे बढना है जीवन के किसी भी मोड पर निराश होने की आवश्यकता नही है क्योकि मैनेजमेंट और वाणिज्य की पढाई इन्ही सब चुनौतियो के अध्ययन से परिपूर्ण है। रिलायबल संस्थान की निर्देशिका डा0 पूनम गोयल ने कहा कि व्यक्तिगत विकास के लिए समय और पैसो के साथ-साथ बच्चो मे मैनेजमेंट के अनुसरणी होने से उनको जीवन की सच्चाईयो का पता चलता है और वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते है।

 उन्होने कहा कि विद्यार्थियो का यह जीवन का दूसरा पडाव है जहां उन्हे अपने भविष्य के बारे मे फिर से सोचने का मौका मिलता है और वह अपने अच्छे और बुरे की पहचान आसानी से करने मे सक्षम हो जाते है। उन्होने सभी विद्यार्थियो को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाऐ अर्पित की और कहा कि रिलायबल परिवार हमेशा उनके साथ सहायक रहेगा। मैनेजमेन्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 कुश कुमार ने सभी विद्यार्थियो द्वारा इन्स्टीटयूट मे बिताये गये महत्वपूर्ण पलो को याद दिलाते हुए कहा कि लहरों से डरकर नौका पार नही होती कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती। राष्ट्रगान के उपरान्त विदाई समारोह का समापन किया गया।