गाजियाबाद। जीपीए ने पिछले महीने मोदीनगर के दयावती मोदी पब्लिक के स्कूल 11 वर्षीय होनहार छात्र अनुराग की बस दुर्घटना में हुई मौत के जिम्मेदार दोषियों को सजा दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश में बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिये बनी सबसे बड़ी सरकारी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरक्षंण आयोग से शिकायत की थी। जिसका तत्काल संज्ञान लेते हुये राज्य बाल अधिकार सरक्षंण आयोग ने कहा कि आयोग का गठन बालक सरक्षण आयोग अधिनियम -2005 की 17(1) के प्रवधानों के अंतर्गत किया गया है। बालक अधिकार सरक्षण आयोग अधिनियम 2005 की धारा 13 व 14 के अंतर्गत आयोग के बालक के अधिकारों का उलंघन एवम उनकी संरक्षा के अतिक्रमण की जांच/ निस्तारण कराने का पूर्ण अधिकार है जिसके तहत आयोग द्वारा सख्ती दिखाते हुये जिले के जिलाधिकारी से एक सप्ताह के अंदर की गई, आवश्यक कार्यवाही का विवरण मांगा गया है जिसकी प्रतिलिपि जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने सभी बिंदुओं का विवरण देते हुये स्कूल के ट्रांसपोर्ट इंचार्ज , स्कूल प्रधानाचार्य , स्कूल मालिक एवम परिवहन विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की गई थी। जिससे कि इसी घटना की पुनः पुरनावर्ती न हो और राष्ट्र की अमूल्य धरोहर बच्चों को ना खोना पड़े। गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण का शिकायत पर गंभीरता दिखाने के लिए आभार जताया है, साथ ही कहा है कि जीपीए हमेशा प्रत्येक छात्र / छत्राओ के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सजग प्रहरी की तरह कार्य करती रहेगी और निजी स्कूलों की बढ़ती मनमानियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार में बैठे नीतिनिर्धारकों की अंतरात्मा को झकझोरती रहेगी ।
जीपीए की शिकायत पर राज्य बाल आयोग ने मोदीनगर घटना का लिया संज्ञान