राफेल लड़ाकू विमान आधिकारिक रूप से वायुसेना अंबाला एयरबेस पर मोर्चा के लिए तैनात

चंडीगढ़। फ्रांस से भारत आए पांच राफेल लड़ाकू विमान आधिकारिक रूप से वायुसेना अंबाला एयरबेस पर मोर्चा के लिए तैनात हो गए हैं। लंबी राजनीतिक बहस और प्रक्रिया पूरे होने के बाद राफेल लड़ाकू विमान इसी साल 29 जुलाई भारत पहुंचे थे। अत्याधुनिक तकनीक से लैस राफेल वायुसेना की बड़ी ताकत बनेंगे। अंबाला से चीन और पाकिस्‍तान दोनों सीमा नजदीक हैं।29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल विमान अंबाल के एयरफोर्स बेस में पहुंचे थे। इनमें तीन सिंगल सीटर और दो ट्विन सीटर जेट हैं। अंबाला एयरबेस में जगुआर और मिग-21 फाइटर जेट भी हैं। राफेल का दूसरा बैच अक्टूबर तक आने की उम्मीद है। इसमें तीन से चार फाइटर जेट हो सकते हैं। भारत में फ्रांस से कुल 36 राफेल विमान आने हैं।राफेल फाइटर जेट वायुसेना की 17वीं स्कवॉड्रन का हिस्सा बने हैं। इस स्क्वॉड्रन को गोल्डन ऐरो स्क्वॉड्रन नाम दिया गया है। 17वीं स्क्वॉड्रन को करगिल युद्ध के दौरान पूर्व एयरफोर्स चीफ बीएस धनोवा कमांड कर रहे थे। यह स्क्वॉड्रन 1951 में बनी थी और तब भटिंडा एयरबेस से ऑपरेट करती थी। जब मिग-21 फाइटर जेट फेजआउट होने लगे तो यह 2016 में डिस्बैंड हो गई। अब यह स्क्वॉड्रन राफेल की होगी।