संस्कारों की मूर्ति  महामंडलेश्वर पूजा चौहान - डॉ बीना बुदकी

पूजा किसी विशेष समाज की धरोहर नहीं वह हर समाज की बेटी है हर मा के दिल की धड़कन है। क्युकी  वह भी मा की कोख से जन्मी है ।  मैंने उसे 18 साल से देखा है पल पल बढ़ते देखा है  ।उसके संस्कारों को देखा है ।किसी का दर्द उससे नहीं देखा जाता। किसी के आंख से वह बहता आंसू नहीं देख सकती। 
करोना मै जान की परवाह ना करके कई लोगो के  चूल्हे जलवाए।कई लोगो की भूख शांत की। खुद खाना नहीं खाया पर  दूसरे को भूखा नहीं रखा ।मा के मंदिर उसकी चौखट पर यही दुआ मांगती मुझे हिम्मत दो ।किसी के भी काम अा सकू। हमेशा बचपन मै पढ़ाई कबीर कि बानी याद करती , सांई इतना दीजिए कोई ना भूखा जाए,मै भी भूखी ना रहूं,कोई गरीब भी भूखा ना रहे।
हमेशा कहती मा ठीक कह रही हूं । इतनी प्यारी है मेरी बच्ची पूजा। दूर दूर से भी कोई संदेश आता कि आज खाने को नहीं   तो किसी भी तरह उस पैसो से मदद करती । अपनी जान की कोई परवाह नहीं । बस हमेशा यही कहती मा किसी के काम अा सकू तो जीवन का कोई अर्थ होगा वर्ना पैदा भी बहुत होते है मरते भी बहुत है 
श्री रवि कृष्ण शुक्ला जी सासंद गोरखपुर ने उनको कोराना योद्धा सम्मान से सुशोभत किया है और  श्री एम के पाठक जी ने दिल्ली से कर्म रत्न अवार्ड से सम्मानित किया है। दोनो को बधाई  । आने वाले समय मै बहुत जल्द पूजा क्या थी,क्या है और क्या करना चाहती है के बारे में पता चलेगा । समाज के हर  व्यक्ति को उस पर नाज होगा  ।संस्कारों की यह गुड़िया   मुझ मां के सारे सपने पूरे करेगी। और वह किसी भी मुसीबत की घड़ी मै जान की परवाह किए बिना  रानी झासी की तरह  और मदर टेरेसा की तरह  किसी  अनजान की सेवा करती मिलेगी। 
डॉ बीना बुदकी
अध्यक्ष हिंदी कश्मीरी संगम
7208339786